अनूठी पहल, पहले जो हाथ भीख मांगने के लिए उठते थे आज किताब पकड़े
भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चो को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए देहरादून प्रशासन ने बड़ी पहल की है। पहले जो हाथ सड़क पर भीख मांगने के लिए उठते थे आज उन हाथों में किताब है। बच्चों के चेहरे खिले हुए हैं। बच्चों को रहने के लिए वीआईपी कमरे को व्यवस्था की गई है। खेल गतिविधियों के लिए तमाम प्रकार के उपकरण रखे गए हैं। बच्चे मनोरंजन के साथ पढ़ाई कर रहे हैं।
देहरादून के राजा राम इंटर कॉलेज में बने पुनर्वास केंद्र में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक की तैनाती की गई है। अभी तक देहरादून के विभिन्न जगहों से करीब 150 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। बच्चों को स्कूल ले जाने और लाने के लिए वैन आती है। जिलाधिकारी ने इस अभियान की निगरानी के लिए अधिकारियों की तैनाती की है। जो समय समय पर मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट डीएम को सौंप रहे हैं। अभी भी अभियान जारी है। जिला प्रशासन ने यह अनूठी पहल कर बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
जिला प्रशासन की पहल सराहनीय
प्रदेश में हर चौक चौराहों पर भिक्षा मांगने वाले बच्चे अक्सर देखने को मिलते हैं। उनको एक जिल्लत की जिंदगी मिलती है। कोई कुछ पैसा दे देता है तो कोई अनसुना कर चला जाता है। बच्चों को इससे मुक्ति दिलाने में जिला प्रशासन की पहल सराहनीय है। ये बच्चे अपने भविष्य को संवारकर देश की तरक्की में सहयोग करेंगे।